रुद्राक्ष के बारे में तो आप जानते ही होंगे, अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि भगवान शिव रुद्राक्ष को आभूषण के रूप में धारण करते हैं। इसके बिना महादेव का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव की आंखों से निकलने वाले जल बिंदुओं से हुई है। रुद्राक्ष का महत्व कई धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है, रुद्राक्ष ज्यादातर गले में पहना जाता है और रुद्राक्ष धारण करने के कई फायदे हैं, रुद्राक्ष हमारे जीवन में हर तरह की सुख-समृद्धि लाता है, लेकिन इसे पहनने के नियम भी कठोर हैं। अगर उन नियमों को नहीं अपनाया गया तो कई बार यह रुद्राक्ष आपके नुकसान का कारण भी बन सकता है। आइए आपको रुद्राक्ष का महत्व और इसे धारण करने के लाभों के बारे में बताते हैं।

भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का महत्व:

भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। रुद्राक्ष को छूने, देखने और धारण करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, लेकिन इसे धारण करने की विधि और भाव शुद्ध होना चाहिए। भोग और मोक्ष की इच्छा रखने वाले लोगों को रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। यह सभी कुलीनों का संहारक है। इससे सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें एक अद्वितीय प्रकार का कंपन होता है जो आपके लिए आपकी ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बनाता है, जिससे बाहरी ऊर्जाएं आपको परेशान न करें, रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए एक प्रभावी ढाल के रूप में कार्य करता है। . इसके अलावा सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भी महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

ये रुद्राक्ष हैं  धारण करने के फायदे:लाभ-पहनने-रुद्राक्ष

रुद्राक्ष मानव जाति के लिए ईश्वर की ओर से एक अमूल्य उपहार है और इसके लाभ भी कम नहीं हैं। इसे धारण करना भगवान शिव के दिव्य ज्ञान को प्राप्त करने का एक साधन है। यह मनुष्य को सभी प्रकार की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करने से फल मिलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। रुद्राक्ष के प्रयोग से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को दिव्य-ज्ञान की अनुभूति होती है। रुद्राक्ष को धारण करने से कई शारीरिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। वैज्ञानिक परीक्षणों में यह साबित हो चुका है कि रुद्राक्ष हृदय रोग में बहुत फायदेमंद है, यह उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है। मंत्रों से धारण करने वाला रुद्राक्ष दु:ख, रोग, चोट, बाह्य प्रभाव, विष, अशुभता, बांझपन, नपुंसकता आदि रोगों को दूर करता है।

जानिए रुद्राक्ष धारण करने के नियम:

जानकारी के लिए बता दें की रुद्राक्ष को धारण करने के कुछ नियम हैं जैसे रुद्राक्ष को सोमवार की सुबह शिव मंदिर में गंगाजल या कच्चे दूध में धोकर या सोने या चांदी के तार में पिरोकर पहना जा सकता है। रुद्राक्ष धारण करने के बाद झूठ बोलने की आदत छोड़ देनी चाहिए, नहीं तो भगवान शिव क्रोधित हो सकते हैं। रुद्राक्ष धारण करने के बाद अंडे, मांस, शराब, लहसुन, प्याज का त्याग करना चाहिए।

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